Examine This Report on संक्रामक रोग से बचने के उपाय



मॉडर्ना कम्पनी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अमरीका में किये गए नैदानिक प्रयोगों में ओमिक्रोन प्रकार को ध्यान में रखकर निर्मित टीकों से बीए.

संक्रामक रोगों के प्रकार एवं उनका प्रसार

यह दवा वायरस के ब्लूप्रिंट की तरह काम करने वाले राइबोन्यूक्लिक अम्ल यानि आरएनए की अनुकृति के लिए ज़िम्मेदार एक एंज़ाइम की क्षमता को बाधित करती है।

मौसम बदलने के बाद हाथ-पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों पर छोटे-छोटे दाने या पिंपल होना आम बात है। ऐसे में ज्यादातर लोग इसे एलर्जी या फिर फंगल इंफेक्शन की निशानी मान लेते हैं और संपूर्ण जांच कराने की बजाय नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, ऐसा करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। शरीर पर निकलने वाली ये छोटी-छोटी फुंसियां आगे चलकर हर्पीस का लक्षण बन सकती हैं। आइए जानते हैं इस परेशानी के बारे में,साथ ही जानेंगे इसका कराण और बचाव भी।

* ग़ैर-ज़रूरी कारणों से बाहर जाने से बचना चाहिए, काम पर और स्कूल नहीं जाना चाहिए, और घर पर रहना चाहिए।

पारंपरिक रिपोर्टिंग प्रणाली के तहत चिकित्सा संस्थानों को एक सरकारी कंप्यूटर तंत्र में सभी संक्रमित लोगों का विवरण दर्ज करना अनिवार्य था। सरलीकृत प्रणाली अपनाने वाले प्रिफ़ैक्चरों ने अपने चिकित्सा संस्थानों पर बोझ कम होने की पुष्टि की है।

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गोनोरिया : समय रहते इस जीवाणिक संक्रमण का पता लग गया तो उपचार सम्भव, गुप्तांगों से तरल अपने आप निकलना इसका लक्षण है, मूत्रोत्सर्ग के समय जलन अथवा कठिनता भी सम्भव। इससे संक्रमित आधी स्त्रियों में लक्षण नहीं पाये गये। वैसे यह पुरुषों में भी होता है।

परिवार के बाहर के लोगों से अपने जूतों व मौजों की अदला-बदली न करें, अपने जूते-मौजे भी समय-समय पर अपने आप धोते रहें।

आपके लिए लिखी गई दवाओं को उसी तरीके के अनुसार लीजिए जैसा आपके डॉक्टर ने आपको बताया है और तब तक लेते रहें जब तक डॉक्टर आपको उन्हें बंद करने के लिए ना कहें।

वे मरीज जिनका अंग प्रत्यारोपण किया गया है

लॉग इन / साइन अप करें माई उपचार बीमारी टीबी (तपेदिक)

क्योंकि ये जीवाणुओं, विषाणुओं, कवकों, प्रोटोज़ोआ अथवा अन्य परजीवियों के माध्यम से होते हैं जो एक से अन्य में फैल सकते हैं। यहाँ पर फैलने के माध्यम के आधार पर संक्रामक रोगों का विवरण पेश किया जा रहा है ताकि हम सरलता से उनसे बच सकें :

टीबी का परीक्षण कभी-कभी सीधा होता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका परीक्षण करना काफी मुश्किल हो जाता है। सामान्यतौर पर इसका परीक्षण क्लीनिकल चित्र (आपके लक्षण व डॉक्टर के परीक्षण) को देखने हुऐ किया जाता है। फिर इसको अन्य टेस्टों के परीणामों के साथ जोड़ दिया जाता है। शुरूआत में आमतौर पर छाती एक्स-रे और/या ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट किया जाता है और उसके बाद कफ (थूक) की जांच की जाती है।

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